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कड़वी सच्चाई को बयां करती फिल्म ” अजमेर 92″ का ट्रेलर हुआ लॉन्च, रूह कपाने वाला सबसे बड़ा स्कैंडल..

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“जब बयां न हो पाए दर्द तब खामोशी रखनी ही बेहतर”ये दर्द है अजमेर की उन लड़कियों का है जिनको बिना किसी गलती के होना पड़ा शर्मिंदा और एक स्कैंडल ने उन्हें खुदकुशी करने को किया मजबूर आखिर गलती क्या थी उन 250 लड़कियों की जिन्हें ना ही समझ पाया ये समाज और ना ही सिस्टम दरअसल 1992 में अजमेर से आई एक खबर ने पूरे देश को दहला कर रख दिया था। ये एक ऐसी कहानी है जो रोंगटे खड़े कर देगी पर्दे पर आ रही है अजमेर 92 के नाम से फिल्म का टीजर पहले ही आ चुका था और अब इसका ट्रेलर भी रिलीज कर दिया गया है 2 मिनट 45 सेकेंड की इस वीडियो में आपको फिल्म के बाहरी पहलू समझ आ जाएंगे। सच्ची घटना पर आधारित ‘अजमेर 92’ इसी साल 21 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म का निर्माण उमेश कुमार तिवारी ने किया है, जबकि निर्देशन पुष्पेन्द्र सिंह ने किया है। उन्होंने ही फिल्म की कहानी भी लिखी है।
आखिर क्या हुआ था 1992 में
फिल्म की कहानी कोई काल्पनिक नहीं है बल्कि एक सच्ची घटना पर आधारित है। 90 का दशक काफी चिंताजनक और खौफनाक हो गया था ये वही समय था जहां अजमेर में एक बड़े कांड का खुलासा हुआ था और भारत बहुत बड़े संकट में आ गया था ये सब स्कैंडल भीतर से हो चल रहा था और जब सामने आया कि अजमेर की लड़कियों की न्यूड फोटो खींचकर लोगों ने उन्हें ब्लैकमेल किया और उन्हें वायरल करने का डर दिखाकर उनके साथ रेप किया। ये घिनौना खेल 1987 से 1992 तक चला और जब एक पत्रकार ने 92 में इसका खुलासा किया तो लोग डर के मारे सहम गए थे। कहा जाता है कि 250 लड़कियां इस गंदे खेल का शिकार बनी थीं कुछ लड़कियों ने चुपचाप इसे सहा और डर के अपनी जबान नहीं खोली और जैसा ब्लैकमेलर कहते थे वही करती और जब फिर भी उनकी फोटोज बाहर आ गई तो कुछ लड़कियां फिर भी कुछ नही बोली और दुनिया से अलविदा कहा सुसाइड करके कहते हैं ना की पाप की मटकी एक दिन जरूर भरती है तो वही हुआ बाद में कुछ एक लड़कियों ने हिम्मत दिखाई और वो कोर्ट पहुंचीं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा भी हुई।
अजमेर सेक्स कांड में कोर्ट का फैसला
1992 में जब पूरा स्कैंडल सामने आया हिम्मत वाली कुछ लड़कियों ने उन आरोपियों की शिनाख्त की जिसके बाद उन 8 आरोपियों को अरेस्ट किया गया। अब उन आठ आरोपियों में से 1994 में एक पुरुषोत्तम नामक शख्स ने जमानत पर छूटने के बाद ख़ुदकुशी कर ली वहीं केस को लटका कर रखा गया और इसके 6 साल बाद इस मामले में पहला जजमेंट आया, अजमेर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी बीच अहम आरोपी फारूक चिस्ती को मानसिक बीमार बता दिया गया और उसका ट्रायल पेंडिंग हो गया फिर अचानक ही जिला अदालत ने 4 आरोपियों की सजा घटाते हुए उन्हें दस साल की सजा सुनाई बस कोर्ट से कहा गया कि दस साल जेल की सजा ही पर्याप्त है वो लड़किया तो अब मर चुकी उनकी जिंदगी वापस तो नहीं आएगी कुछ ऐसा था जंग लगा सिस्टम भारत का उस दौर में लेकिन सजा घटाए जाने के फैसले को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी मगर कोई भी फायदा नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी। एक और आरोपी सलीम नफीस को अजमेर सेक्स कांड के कई सालों बाद 2012 में पकड़ा गया लेकिन वो भी जमानत पर छूट गया, इसके बाद से सलीम नफीस कहा गया किसी को कोई खबर नहीं बस उन तड़पती रूहों ने सरकार से एक सवाल किया की उन्हें कब इंसाफ मिलेगा या कभी मिलेगा भी की नहीं । आज भी वो जख्म हरे हैं उन दर्जनों बेटियों में से कुछ तो ख़ुदकुशी कर चुकी हैं और कई अपने दिलों में इस डर को दबाकर जी रहीं हैं और मुंह छुपाए जी रही है और वो हत्यारे शायद आज भी बेखौफ जिंदा सड़कों पर झूम रहे होंगे। ये शर्मनाक बात ही है कि देश के सबसे बड़े सेक्स कांड, जिसमें दिग्गज कांग्रेस के नेता से लेकर अजमेर दरगाह के कुछ लोग भी शामिल थे, जिसमें ढाई सौ से अधिक बच्चियों के शरीर और आत्मा के साथ खिलवाड़ किया गया उसे दबाने की कई कोशिशें की गईं और सच पर पर्दा डाला गया पर इस फिल्म का बाहर आना बहुत जरूरी था जिसके लिए डायरेक्टर की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी।    
फिल्म का असर जनता पर कैसा पड़ेगा…


पिछले साल ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ आई जिसमे कश्मीरी पंडितों पर हुए दर्दनाक अत्याचार को दिखाया गया ये फिल्म विवादास्पद होने के बावजूद सुपर डुपर हिट हुई , इस साल ‘द केरला स्‍टोरी’ जैसी फ‍िल्‍मों ने बॉक्‍स ऑफ‍िस पर चौंकाने वाली परफॉर्मेंस दी इस फिल्म में जबरन हिंदू लड़कियों को इस्लाम धर्म अपनाने में मजबूर किया गया । ऐसे ही एक और फ‍िल्‍म ‘72 हूरें’ हाल में सिनेमाघरों में आई पर बुरी तरह से फेल हो गई लेकिन एक बड़ी फिल्म बनकर तैयार हो गई है- अजमेर 92 (Ajmer 92) यह फ‍िल्‍म अपने दर्दनाक विषय की वजह से चर्चा बटोर रही है क्योंकि इस मुद्दे को लेकर शायद ही आज के समय में कोई जागरूक था किसी को पता भी नही था की ऐसा भी कोई स्कैंडल हुआ था उस समय में। मेकर्स ने फ‍िल्‍म का ट्रेलर रिलीज कर दिया है जिसके बाद ट्रेलर को बड़ी संख्या में देखा जा रहा है और पसंद किया जा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर खबरों में फ‍िल्‍म का ट्रेलर चर्चा में है और लग रहा है अब जनता के अंदर इस मुद्दे को अंदर तक जानने की इच्छा जागृत हुई है और लोग इस फिल्म को देखने के लिए काफी उत्साहित नज़र आ रहे हैं लेकिन विवाद हैं जो रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और इस फिल्म की भी कठिनाइयां बढ़ रही है पर जनता को ये फिल्म देखने से अब कोई नही रोक पाएगा।

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